हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,इराकी राजनीतिक विश्लेषक और शोधकर्ता हसन हरदान ने कहा; कि इराक कि पेचीदा स्थिति और देश में अमेरिकी हस्तक्षेप के बीच एक मज़बूत संबंध हैं।
उन्होंने कहा कि 2019 के बाद से, इराक में स्थिति को बदलने में अमेरिका का अहम रोल रहा उसने अपने नीति के माध्यम से इराक में योजनाओं में बड़ी तब्दीली लाया हैं।
हरदान ने कहा कि इराक में तथाकथित प्रतिरोध आंदोलन और इंतिफाज़ा का उद्देश्य जल्दी चुनाव कराकर इराक पर अमेरिकी कब्जे के लिए राष्ट्रीय विरोध को कमज़ोर करना हैं।
उन्होंने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि चुनाव परिणामों ने उन लोगों को मज़बूत किया जो अमेरिका की ओर झुके थे, और इस मुद्दे ने इराक में अराजकता पैदा कर दी हैं।
हसन हरदान ने कहां;कि राजनीतिक संकट और सरकार के गठन और इराकी राष्ट्रपति के चुनाव का कोई भी समाधान पार्टियों के बीच एक समझौते पर आधारित होना चाहिए और यही एकमात्र समाधान संभव है, लेकिन अमेरिका ने इराक के समाधान को बर्बाद कर दिया। क्योंकि वह नहीं चाहता कि इराक एक ऐसे निर्णय पर पहुंचे जो अमेरिका के हित में नहीं है, लेकिन अमेरिका इराक में अपना अस्तित्व और उपस्थिति चाहता हैं।